Tourist Places Near Bareilly Best Weekend Destinations Near Bareilly for Families

 places to visit in bareilly with family

Family enjoying a scenic weekend getaway near Bareilly, India. The image shows a joyful family exploring lush gardens, serene lakes, and historical architecture. Activities include boating, picnicking, and sightseeing amidst warm sunlight filtering through trees, creating a welcoming and adventurous atmosphere perfect for family travel.


Introduction 

उत्तर प्रदेश का ऐतिहासिक शहर बरेली, जिसे "नाथ नगरी" के नाम से भी जाना जाता है, पौराणिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण स्थल है। रामगंगा नदी के तट पर बसे इस शहर का महाभारत में वर्णन मिलता है और माना जाता है कि यहां द्रौपदी का जन्म हुआ था। बरेली के पर्यटन स्थल हिन्दू और मुस्लिम संस्कृतियों का अद्वितीय संगम प्रस्तुत करते हैं, जो इसे और भी आकर्षक बनाते हैं। इस ऐतिहासिक शहर में देश-विदेश के पर्यटकों का सालभर आना-जाना लगा रहता है, और यहां से नजदीक के कई दर्शनीय स्थलों का भी आसानी से भ्रमण किया जा सकता है। बरेली में अनेक पर्यटन स्थल, जैसे की प्राचीन मंदिर, ऐतिहासिक किले और औपनिवेशिक युग की धरोहरें, एक वीकेंड गेटवे के लिए आदर्श विकल्प हैं।

What is special in Bareilly? bareilly tourist places

बरेली, उत्तर प्रदेश का एक ऐतिहासिक शहर, अपने अनोखे धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यहां की कुछ खास बातें इसे और भी खास बनाती हैं:

अलखनाथ मंदिर

बरेली को नाथ नगरी के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि धार्मिक स्थलों में यहां बहुत ही खास स्थान है इसका संबंध भगवान शिव और नाथ संप्रदाय से है। बरेली नैनीताल रोड पर स्थित अलखनाथ मंदिर का संचालन आनंद अखाड़े द्वारा होता है।
अलखनाथ मंदिर नाम संप्रदाय के अनुयायियों के लिए एक प्रमुख स्थान है। इस मंदिर के परिसर में बहुत सारे मठ स्थापित किए गए जहां पर गाय ऊंट और बकरी सारे ऐसे जानवर एक पशु पाले जाते हैं। सावन के महीने में अलखनाथ मंदिर पर भक्तों की भीड़ बहुत अधिक होता है। यह मंदिर सुंदर वस्तु कला और और आध्यात्मिक महान और दर्शनार्थियों को खास अनुभव प्रदान करती है।

दरगाह-ए-आला हज़रत

उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में स्थित दरगाह-ए-आला हज़रत सूफी प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यह दरगाह महान सूफी संत इमाम अहमद रज़ा खान, जिन्हें आला हज़रत के नाम से भी जाना जाता है, की समाधि स्थल है। दरगाह-ए-आला हज़रत बरेली में एक प्रमुख आकर्षण है, खासकर उन लोगों के लिए जो सूफीवाद और इस्लामी दर्शन को करीब से जानना चाहते हैं।यहाँ पर मुस्लिम समुदाय के साथ-साथ अन्य धर्मों के लोग भी आते हैं, जो इस दरगाह की सांप्रदायिक सौहार्द्रता का प्रतीक है। यहाँ प्रतिवर्ष आयोजित उर्स के अवसर पर देश-विदेश से लोग एकत्रित होते हैं, जो दरगाह की महत्ता को और बढ़ाता है। अगर आप बरेली की यात्रा पर हैं, तो दरगाह-ए-आला हज़रत का दौरा आपकी यात्रा को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध कर देगा।

बरेली का ऐतिहासिक महत्व और औपनिवेशिक धरोहर

उत्तर प्रदेश का बरेली शहर न केवल अपनी धार्मिकता और सांस्कृतिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसका ऐतिहासिक और औपनिवेशिक महत्व भी उल्लेखनीय है। इसके इतिहास में मुग़ल शासन, रुहेला पठानों का उदय, और 1857 के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का उल्लेखनीय स्थान है।बरेली की औपनिवेशिक धरोहर ब्रिटिश काल की कई प्रमुख संरचनाओं में देखी जा सकती है। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान बरेली एक महत्वपूर्ण केंद्र था, जहां से विद्रोह का जोरदार समर्थन हुआ था। 
बरेली का कोटवाली क्षेत्र, जिसमें औपनिवेशिक कालीन पुलिस स्टेशन और प्रशासनिक इमारतें हैं, उस समय के ब्रिटिश प्रभाव का प्रतीक है।ब्रिटिश शासनकाल में बनाए गए चर्च और बंगलों में यूरोपीय शैली की स्थापत्य कला दिखाई देती है, जो उस दौर की धरोहर को संजोए हुए हैं।बरेली के ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण उन लोगों के लिए बेहद खास अनुभव हो सकता है, जो भारत के स्वतंत्रता संग्राम और ब्रिटिश औपनिवेशिक काल के इतिहास को करीब से समझना चाहते हैं।

प्रसिद्ध ज़री और बांस हस्तशिल्प

बरेली शहर, अपने विशेष हस्तशिल्प - ज़री और बांस उत्पादों के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है। 
ज़री कढ़ाई धातु के सुनहरे और चांदी के तारों से की जाती है, जिससे वस्त्रों और कपड़ों में भव्यता और चमक आ जाती है। 
जो इसे शादी-ब्याह और खास मौकों के लिए एक अनूठा विकल्प बनाते हैं।

बरेली का बांस हस्तशिल्प भी बेहद खास है।  बरेली में कारीगरों द्वारा बांस से कई प्रकार की वस्तुएं बनाई जाती हैं, जैसे टोकरियाँ, टोकरी, फर्नीचर, सजावटी सामान और अन्य घरेलू उपयोग की चीज़ें। 
बरेली के इन प्रसिद्ध हस्तशिल्पों की यात्रा और खरीदारी का अनुभव उन लोगों के लिए खास हो सकता है, जो भारत की पारंपरिक और अनोखी कारीगरी को करीब से देखना चाहते हैं।

पारंपरिक त्यौहार और मेले

बरेली शहर अपनी समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं और विविधता भरे त्यौहारों के लिए जाना जाता है।

रामलीला और दशहरा मेला:
 बरेली में दशहरे के समय आयोजित की जाने वाली रामलीला एक विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम है, दशहरा के दिन रावण वध का आयोजन और मेले का माहौल इस पर्व को और खास बना देता है। यह मेला लोगों के बीच हर्ष और उल्लास का वातावरण पैदा करता है, जिसमें शहर और आसपास के क्षेत्रों के लोग शामिल होते हैं।

नुमाइश मेला
बरेली का नुमाइश मेला, स्थानीय उत्पादों, खाद्य पदार्थों, खेल-तमाशे, झूलों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का केंद्र होता है। यहाँ बरेली के प्रसिद्ध ज़री और बांस हस्तशिल्प की वस्तुएं और पारंपरिक वस्त्र आसानी से उपलब्ध होते हैं।

ईद और बकरीद के त्यौहार
 बरेली की मुस्लिम आबादी के लिए ईद और बकरीद प्रमुख त्यौहार हैं। इन अवसरों पर लोग मस्जिदों में नमाज अदा करते हैं, इसके बाद घरों और मोहल्लों में मेल-मिलाप होता है।

होली – रंगों, संगीत और पारंपरिक नृत्य के साथ होली का उत्सव, जो भाईचारे को बढ़ावा देता है।

उर्स महोत्सव – दरगाह-ए-आला हज़रत पर सूफी संत आला हज़रत की याद में होने वाला आयोजन, जिसमें कव्वालियाँ और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं।

दीपावली और काली पूजा – मंदिरों में दीप जलाकर और काली पूजा के साथ दीपावली का पर्व मनाया जाता है, जिससे शहर में एक सुंदर वातावरण बनता है।

रामगंगा नदी

रामगंगा के किनारे पर स्थित पिकनिक स्थल और घाट स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। यहाँ पर लोग परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने, बोटिंग करने और शाम की शांति का आनंद लेने आते हैं।

What is the best time to visit Bareilly?

बरेली घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच का है, जब यहाँ का मौसम खुशनुमा और यात्रा के लिए एकदम सही होता है। इन महीनों के दौरान तापमान मध्यम से ठंडा रहता है, गर्मियों (अप्रैल से जून) में बरेली का तापमान काफी बढ़ जाता है, जिससे इस समय यात्रा करने से बचना चाहिए। मॉनसून (जुलाई से सितंबर) में यहाँ मध्यम से भारी वर्षा होती है, जो प्राकृतिक हरियाली को और आकर्षक बनाती है, परंतु यात्रा योजनाओं में कुछ बाधा डाल सकती है।







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